गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में “साइबर कानून और सोशल प्लेटफॉर्म: एक युवा दृष्टिकोण” विषय पर कार्यशाला आयोजित
Gorakhpur: Workshop on "Cyber Law and Social Platform: A Youth Perspective" organized at Deen Dayal Upadhyaya Gorakhpur University
गोरखपुर: महामहिम कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन के मार्गदर्शन में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में 44वें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला महिला अध्ययन केंद्र एवं गृह विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “साइबर कानून और सोशल प्लेटफॉर्म: एक युवा दृष्टिकोण” विषय पर आयोजित की गई।
कार्यशाला का उद्देश्य
इस एक दिवसीय कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य युवाओं को साइबर सुरक्षा, डिजिटल अपराधों और उनसे जुड़े कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक करना था। आज की डिजिटल दुनिया में बढ़ते साइबर क्राइम, ऑनलाइन धोखाधड़ी, गोपनीयता उल्लंघन और सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर इसमें विशेष चर्चा की गई।
दीप प्रज्वलन और सम्मान समारोह
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रख्यात वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता रूपल त्रिपाठी द्वारा सरस्वती मां की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। तत्पश्चात प्रो. दिव्या रानी सिंह, निदेशक, महिला अध्ययन केंद्र ने उन्हें अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।

मुख्य वक्तव्य : रूपल त्रिपाठी
अपने प्रेरक वक्तव्य में रूपल त्रिपाठी ने कहा कि –
-
साइबर अपराध किसी भी अन्य अपराध जितना ही गंभीर है, बस इसका स्वरूप डिजिटल है।
-
सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग और विभिन्न ऐप्स के जरिए व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग कर लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है।
-
ऐसे मामलों में डरने या चुप रहने की बजाय तुरंत साइबर सेल या निकटतम थाने में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा cybercrime.gov.in पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराए गए हैं, जिनकी मदद से कोई भी पीड़ित आसानी से न्याय प्राप्त कर सकता है।
युवाओं को दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव
-
सोशल मीडिया का उपयोग करते समय हमेशा गोपनीयता बनाए रखें।
-
कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी अंजान व्यक्तियों या संदिग्ध लिंक के माध्यम से साझा न करें।
-
किसी भी नए ऐप या लिंक का उपयोग करने से पहले उसके रिव्यू और सुरक्षा फीचर जांच लें।
-
साइबर सुरक्षा जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।

युवाओं को दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव
Read more: 12 दिन बाद नेपाल बॉर्डर से मिली सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी, कटनी से थी लापता
युवाओं की सक्रिय भागीदारी
गृह विज्ञान विभाग के प्रांगण में आयोजित इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। छात्रों ने साइबर कानून, ऑनलाइन प्राइवेसी, और सुरक्षित डिजिटल व्यवहार से जुड़े अनेक प्रश्न पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने सरल भाषा में उत्तर दिया।
प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि किस प्रकार अपनी डिजिटल पहचान (Digital Identity Protection) को सुरक्षित रखा जा सकता है और किसी भी साइबर क्राइम केस में कानूनी सहायता प्राप्त की जा सकती है।
कार्यशाला का समापन
कार्यशाला का समापन प्रो. दिव्या रानी सिंह के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इंटरनेट का विवेकपूर्ण उपयोग करें और जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनें। इस अवसर पर कुछ साइबर केस स्टडी और घरेलू हिंसा से जुड़े केस भी प्रस्तुत किए गए, जिससे छात्रों को वास्तविक जीवन की परिस्थितियों को समझने में मदद मिली।

इस कार्यक्रम में डॉ. अनुपमा कौशिक, डॉ. नीता सिंह सहित शोध छात्राएं और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।