Gorakhpur News : डीडीयू के फाइन आर्ट्स के संस्थापक आचार्य केएन माथुर को नागरिक समाज ने दी श्रद्धांजलि
Gorakhpur News (चन्दन शर्मा) : डीडीयू के फाइन आर्ट्स विभाग के संस्थापक आचार्य रहे केएन माथुर (KN Mathur) की याद में बुधवार को श्रृद्धांजलि सभा, शांति पाठ एवं भंडारे का आयोजन हुआ।
केएन माथुर ललित कला में अपने विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रहे। 28 नवंबर 1935 को जन्मे कैलाश नारायण माथुर का निधन बीते 10 जनवरी को हो गया। उनकी श्रद्धांजलि सभा पर आयोजित भंडारे में बड़ी संख्या में नागरिक समाज के लोग शामिल हुए एवं उन्हें याद किया।
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प्रो. माथुर कला के क्षेत्र में अपने साहित्यिक गतिविधियों एवं भारत की कलाओं पर सारगर्भित काम करने के लिए पूरे देश में विख्यात रहे। उनके शिक्षण कार्यकाल को गोरखपुर के बौद्धिक समाज एक मानक के रूप में याद करता है।

डीडीयू के फाइन आर्ट्स के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश कला अकादमी के सदस्य रहे डॉ. भरण भूषण ने केएन माथुर को याद करते हुए कहा कि वे एक बेहतरीन एवं अनुशासित शिक्षक के साथ-साथ संवेदनशील अभिभावक थे। उन्हें भारतीय प्रवर्ध कला एवं पाश्चात्य कला पर समान अधिकार था। छापा कला पर उनकी एक प्रसिद्ध पुस्तक भी है। उनकी कृतियां राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित होतीं रहीं।
विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर में 35 वर्षों तक कार्यरत रहे डॉ. आनंद किशोर ने उन्हें नमन करते हुए कहा कि वे एक अभिभावक के रूप में थे। अच्छे व्यक्तित्व के धनी होने के साथ वे सहजता एवं सरलता के साथ सबके लिए उपलब्ध होते थे।
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पत्रकारिता पाठ्यक्रम के वर्तमान समन्वयक प्रो. राजेश मल्ल ने केएन माथुर को याद करते हुए कहा कि वे विश्वविद्यालय के आचार्यों की परंपरा के बड़े स्तंभ थे। वे उस समय के एकलौते आचार्य थे जिनके पीछे विद्यार्थियों की भीड़ लगा करती थी। उनके पढ़ाए कई विद्यार्थियों ने कला के क्षेत्र में देशभर में नाम कमाया है। विश्वविद्यालय के होते हुए गोरखपुर का नागरिक समाज आज उन्हें जिस प्रकार याद कर रहा है, यह उनके ख्याति को दर्शाता है।
रसायन विभाग के पूर्व आचार्य रहे डॉ. शिवशरण दास ने केएन माथुर को याद करते हुए कहा कि उनसे मेरा संबंध विश्वविद्यालय से जुड़ने से पहले से रहा। हम उन्हें विभिन्न कला प्रतियोगिताओं में उन्हें बतौर जज आमंत्रित किया करते थे। उनके फैसले निष्पक्ष हुआ करते थे जिसे प्रतिभागी सहर्ष स्वीकार करते थे। प्रतिभागियों को उनसे हमेशा मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा।
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