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गोला:फाइलेरिया मुक्त भारत अभियान, खोपापार गांव में घर-घर बांटी गई दवाई

Gola: Filaria Free India Campaign, Medicines distributed door to door in Khopapar village

गोला: गोला विकास खंड के ग्राम पंचायत खोपापार में बुधवार को फाइलेरिया मुक्त भारत अभियान (Filaria Mukt Bharat Abhiyan 2025) के तहत आशा कार्यकर्ता द्वारा ग्रामीणों को फाइलेरिया रोधी दवा (Filaria Medicine) वितरित की गई।

आशा कार्यकर्ता श्रीमती नीता पाण्डेय सुबह से ही गांव में घर-घर भ्रमण (Door to Door Campaign) कर ग्रामीणों को फाइलेरिया से बचाव (Filaria Prevention) के बारे में जागरूक करती रहीं। उन्होंने बताया कि उम्र के अनुसार दवा की खुराक दी जा रही है ताकि हर व्यक्ति को इस बीमारी से सुरक्षा मिल सके।

ग्रामीणों से अपील: दवा जरूर खाएं

नीता पाण्डेय ने गांववासियों से अपील की कि सभी लोग समय पर यह दवा जरूर खाएं, तभी हम इस गंभीर बीमारी से छुटकारा पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर में यह अभियान चलाया जा रहा है ताकि उत्तर प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त (Filaria Free Uttar Pradesh) बनाया जा सके।

लक्ष्य – कोई भी घर न रहे दवा से वंचित

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अभियान की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि गांव का कोई भी घर दवा खाने से वंचित न रहे। इसी उद्देश्य से घर-घर जाकर दवा वितरण किया जा रहा है।


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फाइलेरिया क्या है और क्यों जरूरी है दवा खाना?

फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी है जो मच्छरों के काटने से फैलती है। अगर समय पर दवा न ली जाए तो यह हाथ-पांव में सूजन और स्थायी विकलांगता तक का कारण बन सकती है। इसलिए सरकार का यह अभियान जनहित में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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Pragati Gupta

प्रगति गुप्ता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर कर चुकी हैं। इसके अलावा इन्हें साहित्य में रुचि है और कविताएँ लिखने का भी शौक है। वर्तमान में प्रगति जनस्वराज हिन्दी के संपादक के तौर पर काम कर रहीं हैं।

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