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मध्य प्रदेश: राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग, दिव्यांग शिक्षिका चंद्रकांता जेठानी ने बच्चों को समर्पित की पूरी संपत्ति

Madhya Pradesh: Demand for euthanasia from the President, disabled teacher Chandrakanta Jethani dedicates her entire property to her children

इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। सरकारी स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत दिव्यांग चंद्रकांता जेठानी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।

व्हीलचेयर पर जीवन बिता रहीं चंद्रकांता जेठानी के जज्बे की मिसाल दी जाती रही है। शारीरिक असहायता के बावजूद वे प्रतिदिन स्कूल जाकर बच्चों को शिक्षित करती रही हैं। लेकिन अब उनकी शारीरिक पीड़ा असहनीय हो चुकी है, जिससे मानसिक और शारीरिक रूप से टूट चुकी चंद्रकांता ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर स्वेच्छा से मृत्यु की मांग की है।

बच्चों के नाम की संपत्ति, मेडिकल कॉलेज को देहदान

मानवता और सेवा की मिसाल कायम करते हुए चंद्रकांता जेठानी ने अपनी पूरी संपत्ति स्कूल के बच्चों के नाम कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने अपना शरीर और सभी अंग एमजीएम मेडिकल कॉलेज को शोध एवं चिकित्सा उपयोग के लिए दान कर दिया है।


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इलाज में लापरवाही का आरोप

चंद्रकांता का आरोप है कि एक अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें गलत दवा दी गई, जिससे उनकी तबीयत और बिगड़ गई। इसके अलावा आश्रम में भी उन्हें असुविधाएं और मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी। सरकारी स्तर पर कोई मदद न मिलने से वे बेहद निराश हैं और यही वजह है कि उन्होंने अब अंतिम विकल्प के रूप में ‘इच्छा मृत्यु’ की मांग उठाई है।

समाज और सरकार से अपील

चंद्रकांता जेठानी की यह अपील न केवल एक संवेदनशील सामाजिक मुद्दे की ओर ध्यान खींचती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि दिव्यांगों और जरूरतमंदों को समय पर सहायता न मिलने पर उनकी जिंदगी कितनी दयनीय हो सकती है। अब यह देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस मार्मिक प्रकरण पर क्या रुख अपनाता है।


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Pragati Gupta

प्रगति गुप्ता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर कर चुकी हैं। इसके अलावा इन्हें साहित्य में रुचि है और कविताएँ लिखने का भी शौक है। वर्तमान में प्रगति जनस्वराज हिन्दी के संपादक के तौर पर काम कर रहीं हैं।

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