Latest Newsअंतरराष्ट्रीय खबर

“नारी सशक्तिकरण की ओर एक कदम: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस”

न्यूज डेस्क (सलोनी विश्वकर्मा): हर साल 8 मार्च को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के सम्मान, उनके अधिकारों और उपलब्धियों को पहचानने के लिए समर्पित है। महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई, जब अमेरिका की कुछ महिलाओं ने बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और समान अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई। इसके बाद, 1911 में जर्मनी, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में पहली बार महिला दिवस मनाया गया। 1977 में, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने आधिकारिक रूप से 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में घोषित किया। तब से यह दिन दुनिया भर में मनाया जाने लगा।

महिलाएँ समाज की रीढ़ हैं। वे घर, ऑफिस, खेल, विज्ञान, राजनीति, और व्यापार सहित हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लेकिन सदियों से महिलाओं को भेदभाव, असमानता और अन्याय का सामना करना पड़ा है। महिला दिवस हमें यह याद दिलाता है कि महिलाओं को भी समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए।

Read Also: प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता: राजभवन लखनऊ के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय की टीम रवाना

आज भी लाखों महिलाएँ शिक्षा से वंचित हैं, घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं और कार्यस्थलों पर असमानता का सामना करती हैं। महिलाओं की प्रगति सिर्फ पोस्टरों और नारों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे हर घर, हर गली और हर संस्थान में महसूस किया जाना चाहिए। महिला दिवस केवल ‘महिलाओं को बधाई देने’ या ‘एक दिन के लिए सम्मानित करने’ तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम सच में महिलाओं को वह स्थान दे रहे हैं जिसकी वे हकदार हैं?

लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता दें। घरेलू और कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें। समान वेतन और अवसरों को बढ़ावा दें। महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करें, न कि उनकी स्वतंत्रता को सीमित करें। महिला दिवस हमें यह याद दिलाने का अवसर है कि एक समान और न्यायपूर्ण समाज के बिना कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता। हमें महिलाओं को केवल अवसर देने की जरूरत नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने में सहायता करनी होगी। नारी सशक्तिकरण से ही सशक्त समाज का निर्माण संभव है। हमें मिलकर ऐसा समाज बनाना चाहिए, जहाँ हर महिला को सम्मान, सुरक्षा और समान अधिकार मिले।

जनस्वराज हिंदी के व्हाट्सएप्प ग्रुप में जुडने के लिए क्लिक करें:
https://chat.whatsapp.com/DuMQ0U5z85a0bIgrUgUMlU

PREM SHANKAR PANDEY

प्रेमशंकर पांडेय काे पत्रकारिता में 8 वर्षों का अनुभव है। इन्हें सभी क्षेत्र की खबरें लिखने का तरीका मालूम है।

Don't try, this is illigal.