दिल्ली विधानसभा भंग, बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद AAP संकट में
नई दिल्ली: दिल्ली में सियासी भूचाल के बीच उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तत्काल प्रभाव से विधानसभा भंग करने का आदेश जारी कर दिया है। यह निर्णय आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार और मुख्यमंत्री आतिशी के इस्तीफे के बाद लिया गया। इस बीच, भाजपा नेता प्रवेश वर्मा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पहुंचे लेकिन मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।
भाजपा की ऐतिहासिक जीत, AAP को बड़ा झटका:
दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 70 में से 48 सीटें जीतकर राजधानी में 27 साल बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। हालांकि, मुख्यमंत्री आतिशी अपनी सीट बचाने में सफल रहीं और कालकाजी से भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी को हराया। लेकिन आम आदमी पार्टी बहुमत से चूक गई, जिसके बाद आतिशी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
केजरीवाल हारे, भाजपा का जश्न:
सबसे बड़ा उलटफेर तब हुआ जब भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने आप प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कड़े मुकाबले में हराया। इस नतीजे के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर में जश्न मनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस जीत को “दिल्ली की जनता का आशीर्वाद” बताया।
AAP के लिए मुश्किलें बढ़ीं, भाजपा की नई रणनीति:
भाजपा की इस जीत के बाद पार्टी का आत्मविश्वास नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार को हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “अब पंजाब की बारी है। दिल्ली की जनता ने पाखंडियों को बाहर कर दिया, अब पंजाब भी पीछे नहीं रहेगा।”
AAP के सामने अस्तित्व का संकट?
दिल्ली चुनावों में करारी शिकस्त के बाद आम आदमी पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पार्टी अब दिल्ली के बाहर गठबंधन की राजनीति की ओर बढ़ने को मजबूर हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस हार के बाद AAP के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए रखना बेहद कठिन हो सकता है। अब सबकी नजरें अरविंद केजरीवाल और उनकी अगली रणनीति पर टिकी हैं।