नगसर क्षेत्र में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया गया

नगसर। स्थानीय क्षेत्र के गांव सहित थाना परिसर में शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर्सोल्लासपूर्वक धूमधाम से मनाया गया।
सनातन धर्म मे मान्यता है कि इस दिन सच्चे भाव के साथ कान्हा जी की पूजा-अर्चना और ब्रत करने से सुख और शांति की प्राप्ति और मानव जीवन में आपसी प्रेम सद्भाव व शुभता का आगमन होता है। भगवान श्री कृष्ण का दर्शन धर्म ,जाति व्यक्ति से बहुत ऊपर है लोक मान्यता है कि गुणातीत देवकीनंदन का अवतरण द्वापर युग में फैले हुए आसुरी शक्तियों के साथ अधर्म, अनाचार, दुराचार, पापाचार के प्रभाव से धर्म की रक्षा और अधर्मियों का नाश करने स्वयं भगवान को श्री कृष्ण के स्वरूप में पृथ्वी पर आना पड़ा। उन्होंने समस्त ब्रह्मांड को पाप, अधर्म , अत्याचार से मुक्त कर धर्म की संस्थापना किया और मानव जीवन के कल्याणार्थ गीता का उपदेश दिया जिसके अध्ययन मात्र से मानव का कल्याण और आवागमन से मुक्ति मिलती है ।
क्षेत्र के नगसर ,गगरन, सरहुला,असाव, विशुनपुरा,नूरपुर, सोनहरिया 
ढ़ढ़नी गांवो सहित नगसर थाना परिसर में जन्माष्टमी को लेकर श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का शनिवार को हर घर घर मे लड्डू गोपाल की पूजा की तैयारियां भी बहुत जोर शोर से चल रही थी। रात के बारह बजते ही “हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की ” के साथ ही जयकारे से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया और जगह जगह संगीत कलाकारों के द्वारा भजन कीर्तन भी किया गया।
गांव में परिवार की महिलाओं के द्वारा नौनिहाल बच्चों को श्री कृष्ण और राधा का रूप सजाकर उनकी पूजा अर्चना की गई। इस दौरान बच्चे श्री कृष्ण के बाल अवतार रूप में बहुत ही मनमोहक नजर आ रहे थे जो देखने वाले को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। वहीं महिलाओं व पुरुष श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामना पूर्ण और मुक्ति के लिए जन्माष्टमी पर्व का व्रत रखते हुए भगवान श्री कृष्ण की उपासना की।