Gorakhpur News: आनंदमार्ग में “पापस्य कारण त्रयम्” विषयक सेमिनार का समापन

गोरखपुर: दक्षिणी बेतियाहाता स्थित आनंदमार्ग जागृति केंद्र में तीन दिवसीय सेमिनार के अंतिम दिन “पापस्य कारण त्रयम्” विषय पर चर्चा करते हुए आचार्य मेघदीपानन्द अवधूत ने बताया कि अभाव, आधिक्य और अवरोध पाप के मुख्य कारण हैं।
उन्होंने बताया कि पातकी, अतिपातकी और महापातकी तीन प्रकार के पापी होते हैं, और सीता हरण के लिए साधुवेश का दुरुपयोग करने वाले रावण को उदाहरण स्वरूप “महापातकी” बताया।
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आचार्य ने यह भी कहा कि पुण्य के लिए मन की पवित्रता आवश्यक है, जिसे यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा और ध्यान के अभ्यास से प्राप्त किया जा सकता है।
समापन सत्र में आचार्य राघवानन्द अवधूत, अवधूतिका आनंदवेदिता आचार्या, भुक्ति प्रधान संजय कुमार श्रीवास्तव, डॉ. धनीराम, डॉ. रंजना बागची, डॉ. राकेश, राजेन्द्र, संजय, विवेक, साधना, नंदिनी, पूजा, अनुमाया, बिन्दु, संध्या, संगीता, अर्चना, सृष्टि, कीर्ति तथा चित्रांश सहित गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ और देवीपाटन मंडल के सैकड़ों आनंदमार्गियों ने उत्साहपूर्वक सम्मिलित होकर सामूहिक साधना और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया।