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गोरखपुर: ईश्वर पर भरोसा करने वाले की नैया कभी नहीं डूबती : आचार्य सुशील महाराज

Gorakhpur: The boat of one who believes in God never sinks: Acharya Sushil Maharaj

बड़हलगंज (गोरखपुर): बाबा जलेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का मंगलवार की रात भव्य समापन हुआ। कथा के अंतिम दिन आचार्य सुशील जी महाराज ने श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण की महिमा और पिता-पुत्री के प्रेम प्रसंग का दिव्य वृतांत सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया।

“जीवन की डगमगाती नैया केवल ईश्वर संभालते हैं” – आचार्य सुशील

कथा प्रवचन के दौरान आचार्य सुशील महाराज ने कहा कि जब जीवन की गाड़ी डगमगाती है तो दुनिया हंसती है, लेकिन ऐसे समय में केवल भगवान ही भक्त की नैया को पार लगाते हैं। उन्होंने कहा –“जिसके जीवन की बागडोर परमात्मा के हाथ में है, उसका जीवन कभी उलझ नहीं सकता। यदि भक्त का भरोसा सांवरिया (श्रीकृष्ण) पर है, तो वह निश्चित ही मदद करेंगे।”

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पिता को कोई वेदना होने से पहले उसकी पुत्री उसे महसूस कर लेती है। इसी प्रकार परमात्मा भी भक्त के दर्द को बिना कहे समझ जाते हैं।


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पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी ने की व्यासपीठ की आरती

कथा के समापन अवसर पर पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी ने व्यासपीठ की आरती की और कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य कथा है, जिन्हें पूर्ण देव के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि –“जो भी राधा-कृष्ण का स्मरण करता है, उसकी जीवन नैया स्वतः पार हो जाती है। भगवान के अनेक स्वरूप हैं और वह हर जगह विद्यमान हैं।”

आयोजन समिति और श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

कथा के सफल आयोजन में मोहन जी व अजय सराफ ने मुख्य भूमिका निभाई और आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अजय दुबे, गिरिजेश तिवारी, भुनेश्वर चौबे, परमानंद दुबे, लल्लन तिवारी, गदाधर दुबे, बबलू राय, डॉ. परमहंस सिंह, श्रीनिवास सोनी, डॉ. बाके मिश्र, ज्ञानवेन्द्र मिश्र, कल्लू बाबा सहित सैकड़ों महिलाओं व श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

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Pragati Gupta

प्रगति गुप्ता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर कर चुकी हैं। इसके अलावा इन्हें साहित्य में रुचि है और कविताएँ लिखने का भी शौक है। वर्तमान में प्रगति जनस्वराज हिन्दी के संपादक के तौर पर काम कर रहीं हैं।

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