व्यक्ति कुतर्की बुद्धि के वशीभूत होकर संस्कार हीन हो जाता है – साध्वी रिद्धिमा

बरहज, देवरिया: बाबा इन्द्रमणि धाम, टीकर में चल रहे श्रीमद्भागवत सह मानस कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर कथा प्रवक्ता पूज्य दीदी साध्वी रिद्धिमा ने पुरंजनोपाख्यान की व्याख्या करते हुए बताया कि कुतर्की बुद्धि से ग्रस्त व्यक्ति संस्कारहीन हो जाता है, जिससे न केवल वह अपना नाश करता है, बल्कि अपनी पीढ़ियों और अगले जन्मों के लिए भी समस्याएं उत्पन्न करता है।
भगवान नृसिंह अवतार की कथा सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु
साध्वी रिद्धिमा जी ने नवधा भक्ति की व्याख्या करते हुए प्रह्लाद चरित्र का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि हिरण्यकशिपु ने भगवान को शत्रु के रूप में देखा, जबकि भक्त प्रह्लाद ने उन्हें भगवान के रूप में स्वीकार किया। भगवान उसी रूप में प्रकट होते हैं, जिस रूप में भक्त उन्हें पुकारता है। कथा के दौरान भगवान नृसिंह अवतार की भव्य झांकी प्रस्तुत की गई, जिसे देखकर श्रद्धालु भक्ति और भावनाओं से सराबोर हो गए।
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विशिष्ट अतिथियों ने की कथा श्रवण
इस धार्मिक आयोजन में श्री अखिलेश यादव (पूर्व जिला पंचायत सदस्य) और युवा समाजसेवी अद्वैत मिश्रा ने कथा श्रवण किया। इस अवसर पर यजमान एवं आयोजकों ने सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया।
स्वास्थ्य मेले का आयोजन भी होगा
आयोजन समिति ने घोषणा की कि रविवार को बाबा इन्द्रमणि धाम पर एक विशाल स्वास्थ्य मेला लगाया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
कथा में समिति के सदस्य सुनील दुबे, पुष्पेंद्र दुबे, दिवाकर दुबे, रघुवंश दुबे, अमरजीत, सुजीत, नित्य प्रकाश, साघूबाबा, गिरिराज, जनमेजय, रामानुज सहित हजारों माताएं, बहनें और भक्तगण उपस्थित रहे।
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