24 मिनट मरकर जीने वाली पत्रकार ने बताया क्या होता है मरने के बाद

क्या मृत्यु के बाद जीवन होता है? यह सवाल सदियों से इंसानों को हैरान करता आ रहा है। विज्ञान भले ही इस रहस्य को पूरी तरह नहीं सुलझा पाया हो, लेकिन कुछ असाधारण अनुभव ऐसे हैं जो इस प्रश्न को फिर से जीवंत कर देते हैं। 24 मिनट मरकर जीने वाली पत्रकार ने अपनी किताब में इसका जिक्र किया है।
स्पेन की प्रसिद्ध पत्रकार और समाजशास्त्री टेसा रोमेरो का नियर डेथ एक्सपीरियंस (Near Death Experience) ऐसा ही एक मामला है, जिसने जीवन और मृत्यु को लेकर सोचने का नजरिया ही बदल दिया।
24 मिनट तक मृत रहीं, लेकिन लौटीं एक नई सोच के साथ
टेसा रोमेरो, अंडालूसिया (स्पेन) की रहने वाली, 50 वर्षीय महिला हैं। एक सामान्य सुबह जब वह अपनी बेटियों को स्कूल छोड़ रही थीं, अचानक गिर पड़ीं। उनका दिल धड़कना बंद हो गया और डॉक्टरों ने उन्हें क्लीनिकली डेड (Clinically Dead) घोषित कर दिया। 24 मिनट तक उनका दिल नहीं धड़क रहा था, लेकिन मेडिकल टीम के अथक प्रयासों से उन्हें पुनर्जीवित किया गया।
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इस दौरान टेसा का दावा है कि उन्होंने एक ऐसी दुनिया की यात्रा की, जो इस भौतिक संसार से परे है। उन्होंने कहा, “मैं अपने शरीर से बाहर थी, ऊपर से खुद को देख रही थी। मुझे यह एहसास ही नहीं हुआ कि मैं मर चुकी हूँ। मैं ज़िंदा महसूस कर रही थी, बस बाकी सबके लिए अदृश्य थी।”
एक नई किताब में साझा किया अनुभव
टेसा ने अपने इस मृत्यु के अनुभव को एक पुस्तक के रूप में दुनिया के सामने रखा है। उन्होंने उस अनुभव को “शांति, स्पष्टता और गहराई” से भरा बताया। उनका कहना है कि वहाँ न कोई शारीरिक दर्द था, न समय की सीमा, और न ही कोई मानसिक तनाव। “ऐसा लगा जैसे मेरे जीवन भर का बोझ उतर गया हो,” उन्होंने लिखा।

बीमारी और भावनात्मक संघर्ष की पृष्ठभूमि
इस घटना से पहले टेसा एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थीं, जिसका कोई स्पष्ट निदान नहीं मिल रहा था। कुछ चिकित्सकों ने इसे भावनात्मक तनाव से जुड़ा बताया। “मैं अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रही थी। अंदर दबे हुए दुख अब शरीर के माध्यम से बाहर आ रहे थे,” टेसा ने बताया।
मृत्यु का भय नहीं, बल्कि जीवन का नया दृष्टिकोण
टेसा रोमेरो कहती हैं कि यह अनुभव उनके जीवन को पूरी तरह बदल गया। अब उन्हें मृत्यु से डर नहीं लगता। “मृत्यु अंत नहीं, एक शांति भरी यात्रा है। मैं हर दिन को नई ऊर्जा और उद्देश्य के साथ जीती हूँ।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “मैंने यह महसूस किया कि हम कभी अकेले नहीं होते। यह एहसास मेरे लिए सबसे बड़ा सहारा है।”
क्या मृत्यु के बाद जीवन होता है? टेसा रोमेरो जैसी सच्ची घटनाएं इस प्रश्न का उत्तर खोजने की दिशा में एक नई सोच और उम्मीद देती हैं। नियर डेथ एक्सपीरियंस पर आधारित यह कहानी न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह जीवन को देखने का नजरिया भी बदल सकती है।
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